किसी भी स्वास्थ्य समस्या के बारे में अगर शुरुआत में ही पता चल जाए तो उसे सही वक्त में मैनेज किया जा सकता है। ऐसे में किसी को लगता है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम है, तो वे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार को ध्यान में रखकर इसे मैनेज करने की कोशिश कर सकते हैं।
ऐसे में इस लेख की मदद से आप जान सकते हैं कि बीपी बढ़ने से क्या होता है और बीपी के लक्षण क्या हैं। तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
विषय सूची :
हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी सामान्य स्थिति है, जिसमें रक्तचाप बढ़ जाता है। रक्तचाप वो बल है, जो आपका रक्त, आपकी रक्त वाहिकाओं (blood vessels) की दीवारों पर डालता है।
आपका रक्तचाप इस बात पर आधारित होता है कि आपकी रक्त वाहिकाओं से कितना रक्त फ्लो हो रहा है और हृदय को पंप करते समय रक्त कितना प्रतिरोध करता है। वहीं, जब हृदय की धमनियां (Arteries) संकरी हो जाती हैं (प्लाक बनने के कारण), तो हृदय के लिए समान मात्रा में रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है, जिस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।
बता दें कि ब्लड प्रेशर की रीडिंग दो नंबर पर आधारित होती है। ऊपर या टॉप की संख्या को सिस्टोलिक रक्तचाप कहा जाता है। वहीं नीचे की संख्या को डायस्टोलिक रक्तचाप कहा जाता है। इसे ऐसे समझें, 120/80 mm Hg, इसमें 120 mm Hg टॉप यानी सिस्टोलिक रक्तचाप है और 80 mm Hg डायस्टोलिक रक्तचाप यानी नीचे की संख्या है।
वहीं जब सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ही रीडिंग ज्यादातर समय 130/80 mm Hg से अधिक हो तो यह उच्च रक्तचाप कहलाता है। लेख में आगे हम हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी दे रहे हैं।
इससे पहले कि आप लेख में आगे बढ़ें, घर में आराम से बैठकर हमारा Phable ऐप डाउनलोड करें, ताकि आपको अपने हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) को मैनेज करने में मदद मिल सके।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में वक्त रहते हाई बीपी के लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। तो हाई ब्लड प्रेशर सिम्पटम्स निम्नलिखित हो सकते हैं:
हाई बीपी के लक्षण सिरदर्द के रूप में दिखाई दे सकता है। आमतौर पर सिर के दोनों तरफ दर्द महसूस हो सकता है और ज्यादा गतिविधि करने पर दर्द बढ़ सकता है। यह बढ़े हुए इंट्राकैनायल प्रेशर (स्कल के अंदर दबाव) के कारण होता है।
हाई ब्लड प्रेशर को नाक से खून बहने का कारण माना जा सकता है। यह नाक की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचा सकता है। इस स्थिति में ज्यादा खून बहने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज कराएं।
हाई ब्लड प्रेशर का एक लक्षण सांस फूलना भी है। दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर में जब धमनियां संकरी हो जाती हैं और हृदय को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, तो इससे थोड़ी गतिविधि करने पर भी सांस फूलने लगती है। ऐसे में थोड़ा-सा पैदल चलने या सीढ़ियां चढ़ने से भी सांस फूलने लग सकती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में आंखों की छोटी रक्त वाहिकाएँ प्रभावित हो सकती हैं, जिससे कि दृष्टि (विज़न) से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल, रेटिना में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। कुछ गंभीर मामलों में दिखाई देना पूरी तरह बंद हो सकता है। इस स्थिति को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी के नाम से भी जाना जाता है।
बीपी के लक्षण अधिक थकान के तौर पर भी नजर आ सकते हैं। अधिकतर हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित थकान होने के पीछे कई कारक होते हैं, जिनमें कुछ दवाइयाँ, तनाव और पर्याप्त नींद न लेना शामिल हैं।
उच्च रक्तचाप आपकी धमनियों को कम लोचदार बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आपके हृदय में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है और हृदय रोग हो जाता है। इसके अलावा, हृदय में रक्त के प्रवाह में कमी का कारण बन सकता है, जिससे सीने में दर्द की समस्या हो सकती है। इसे एनजाइना (angina) भी कहते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण में पैल्पिटेशन भी शामिल है। दरअसल, इस स्थिति में दिल तेजी से धड़कने लगता है। ऐसा इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या हार्ट रिदम डिसऑर्डर्स (एरिथमिया), तनाव, पैनिक अटैक, चिंता, अत्यधिक कैफीन के सेवन के कारण हो सकता है।
क्या आपको पता है?
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हाई ब्लड प्रेशर को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। हां इसे कुछ उपाय की मदद से मैनेज किया जा सकता है। हाई बीपी के लक्षण को मैनेज करने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं :
जरूरी सुझाव हाई बीपी को मैनेज करने के लिए यह जरूरी है कि आप सही डाइट और एक्टिव रहने के साथ-साथ अपने स्ट्रेस को भी कम करें। तो बेहतर है कुछ वक्त अपने दोस्तों व फैमिली के साथ जरूर स्पेंड करें। |
हाई ब्लड प्रेशर को सही उपायों को अपनाकर मैनेज करना चाहिए। यदि आपने समय रहते बीपी को मैनेज नहीं किया तो इससे कुछ जटिलताएं हो सकती हैं। ये जटिलताएं कुछ इस प्रकार हैं:
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को सही उपायों की मदद से मैनेज किया जा सकता है। उम्मीद है यहां बताए गए हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार आपके लिए उपयोगी साबित हुए होंगे।
समय रहते बीपी के लक्षण पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि इसके जोखिम और जटिलताओं से बचाव किया जा सके। ऐसे में अगर किसी में हाई बीपी के लक्षण दिखे तो वक्त रहते इसे मैनेज करने के लिए Phable की मदद ले सकते हैं।
प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए, यह गर्भवती महिलाओं के लिए जानना जरूरी है। इससे वे प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर बढ़ने से होने वाले जोखिम से बच सकते हैं।
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