डायबिटीज की स्थिति में कई तरह के टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है, जिनमें से एक सीआरपी टेस्ट भी है। अब आप सोच रहे होंगे कि सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन) टेस्ट क्या होता है और यह डायबिटीज से कैसे संबंधित है। तो ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब मौजूद है इस ब्लॉग में। आइये जानते हैं, सीआरपी टेस्ट से जुड़ी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारियां।
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सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) टेस्ट, एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिससे रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) के स्तर को मापा जा सकता है। सीआरपी एक प्रोटीन है, जिसे आपका लीवर बनाता है। आमतौर पर रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर कम होता है।
यदि आपके शरीर में सूजन है, तो आपका लिवर आपके रक्तप्रवाह (bloodstream) में अधिक सीआरपी रिलीज़ करता है, जिससे सीआरपी लेवल बढ़ने लगता है। सीआरपी का स्तर अधिक है तो आपको किसी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो सूजन का कारण बन रहा हो।
इस टेस्ट को इंफेक्शन, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, ऑटोइम्यून डिजीज, लंग डिजीज आदि का पता लगाने के लिए किया जाता है। डायबिटीज में प्रो-इंफ्लेमेटरी डिजीज (इंफ्लेमेशन रिएक्शन यानी सूजन के जोखिम को बढ़ाने वाली समस्या) के लिए भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जा सकती है।
जो लोग सोच रहे हैं कि सीआरपी टेस्ट कैसे किया जाता है, तो उन्हें बता दें कि:
टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए सीआरपी टेस्ट किया जा सकता है। रिसर्च की मानें, तो हाई सीआरपी लेवल के कारण मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं, अगर आपको डायबिटीज है और आपका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ है, तो इससे डायबिटीज की समस्या गंभीर हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज में अन्य तरह की जटिलताएं बढ़ सकती है।
डायबिटीज में सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट को साल में दो बार करवाना चाहिए। इस टेस्ट को 2 हफ्तों में पूरा किया जाता है। पहले हफ्ते के टेस्ट में इंफ्लेमेशन का पता चलने पर अगले हफ्ते भी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। जिससे अगले हफ्ते के टेस्ट से पता चल सके की समस्या एक्यूट है या क्रोनिक।
डायबिटीज के अलावा, जो लोग उम्र में 45 वर्ष से ज्यादा हैं, वे साल में दो बार और जिन लोगों की उम्र 30 से 45 वर्ष है, वे साल में 1 बार इस टेस्ट को जरूर करवाएं। आप इस बारे में अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
सीआरपी लेवल को मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/L) में मापा जाता है। इसके लेवल से जुड़ी जानकारी कुछ इस प्रकार है:
सीआरपी लेवल की जांच कुछ स्थितियों के लिए अनिवार्य हो सकती है।
जरूरी नहीं कि सीआरपी लेवल को कम करने के लिए सिर्फ दवाइयों की ही जरूरत हो। डायबिटीज में सीआरपी का स्तर अधिक होने पर कई सामान्य तरीकों को अपनाकर इसे कम किया जा सकता है। सीआरपी कम करने के उपाय कुछ इस तरह से हो सकते हैं :
डायबिटीज में सीआरपी टेस्ट करवाना बेहतर होता है। इससे डायबिटीज के अलावा लिवर से जुड़ी समस्याओं का भी पता चल सकता है। साथ ही रक्त में सीआरपी लेवल में वृद्धि नजर आती है, तो इसे कम करने के उपायों को अपनाया जा सकता है, जिससे कि समस्या को गंभीर होने से रोका जा सके। इसके अलावा, डायबिटीज को मैनेज करने के लिए Phable ऐप की भी मदद ले सकते हैं।
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