आकार में छोटी दिखाई देने वाली कलौंजी के काले दाने सेहत के लिए बड़े फायदे कर सकते हैं। यह कई स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर करने में मदद कर सकती है, जिनमें डायबिटीज भी शामिल है। शुगर में कलौंजी के फायदे इसे मैनेज करने के लिए हो सकते हैं। मधुमेह के लिए कलौंजी कारगर उपाय हो सकती है, जिसके बारे में आगे विस्तार से जानेंगे।
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जी हाँ, डायबिटीज में कलौंजी का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च के अनुसार, कलौंजी खाने से फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर में (यानी उपवास के दौरान का ब्लड शुगर लेवल) कमी आ सकती है। इससे मधुमेह को मैनेज करने में मदद मिल सकती है।
साथ ही कलौंजी में एंटीडायबिटिक गुण भी होते हैं, जिससे डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। वहीं, एंटीडायबिटिक गुण के कारण प्रीडायबिटिक्स भी इसका सेवन कर डायबिटीज का जोखिम कम कर सकते हैं। हालांकि, बेहतर है इसके सेवन से पहले डॉक्टर से भी सलाह जरूर लें। दरअसल, हर किसी का स्वास्थ्य अलग होता है और उनके खाने की मात्रा भी, इसलिए बेहतर है इस बारे में एक्सपर्ट की राय भी ली जाए।
कलौंजी में प्रोटीन, फैट्स, कार्बोहायड्रेट, आयरन जैसे कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व डायबिटीज के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति आधा चम्मच (3 ग्राम) |
ऊर्जा | 12 kcal |
प्रोटीन | 0.5 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 1 g |
कार्बोहायड्रेट | 1.5 g |
आयरन | 0.36 mg |
मधुमेह के लिए कलौंजी के बीज के फायदे शुगर कंट्रोल के लिए हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, कलौंजी में हाइपोग्लाइसीमिक प्रभाव होता है, जो बढ़े हुए शुगर लेवल को कम कर सकता है। साथ ही कलौंजी में एंटी-डायबिटिक प्रभाव भी होता है, जो स्वस्थ लोगों को डायबिटीज के जोखिम से दूर रख सकता है।
डायबिटीज में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम भी बना रहता है। ऐसे में, शुगर में कलौंजी के फायदे हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, कलौंजी में एंटी-हाइपरटेंसिव (antihypertensive - ब्लड प्रेशर कम करने वाला गुण) प्रभाव होता है, जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। रक्तचाप को कंट्रोल में रखने पर डायबिटीज में हृदय रोग के जोखिम को भी दूर रखा जा सकता है।
मधुमेह के लिए कलौंजी के बीज लाभकारी साबित हो सकते हैं, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार कर सकता है। दरअसल, डायबिटीज हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (Low-Density Lipoprotein or LDL) बढ़ने का व अच्छे कोलेस्ट्रॉल लेवल (High-Density Lipoprotein or HDL) के कम होने का भी कारण बन सकता है।
ऐसे में मेडिकल रिसर्च की मानें, तो नियमित रूप से कलौंजी के सेवन से अच्छे कोलेस्ट्रॉल लेवल में वृद्धि और ख़राब या हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की स्तर में कमी देखी गई। तो डायबिटीज में डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया (Diabetic Dyslipidemia - शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि की समस्या) की स्थिति से बचाव के लिए कलौंजी फायदेमंद हो सकती है।
जी हाँ, शुगर में कलौंजी का पानी पीने के फायदे वजन पर दिख सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो कलौंजी में एंटी-ओबेसिटी गुण होता है, जिससे कि इसके नियमित सेवन से मोटापा और कमर का आकार कम हो सकता है। साथ ही यह भूख को दबाकर अधिक खाने की इच्छा को कम कर सकता है, जिससे वजन बढ़ने का जोखिम कम होगा। बता दें वजन बढ़ना डायबिटीज के मुख्य लक्षणों व जटिलताओं में से एक है।
जी हाँ, डायबिटीज में कलौंजी खाकर इम्यून सिस्टम को बेहतर किया जा सकता है। कलौंजी में इम्यून पावर बढ़ाने के गुण होते हैं, जो बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। ऐसे में डायबिटीज के दौरान कलौंजी का सेवन कर कमजोर इम्युनिटी के कारण होने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को दूर रखा जा सकता है।
शुगर में कलौंजी खाने के फायदे में लिवर और किडनी को स्वस्थ रखना भी शामिल है। दरअसल, कलौंजी के बीज में थाइमोक्विनोन (Thymoquinone) नामक केमिकल कंपाउंड होते हैं, जो लिवर को इंजरी से सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही किडनी डैमेज से बचाने का भी काम कर सकता है। इससे डायबिटीज में किडनी और लिवर की समस्या को उत्पन्न होने से रोकने में मदद मिल सकती है।
अगर आप जानना चाहते है कि मधुमेह के लिए कलौंजी के बीज को कितनी मात्रा लेना उचित है, तो आपको बता दें कि डायबिटीज में रोजाना एक चौथाई से आधा चम्मच कलौंजी के बीज का सेवन कर सकते हैं। कलौंजी का बीज नहीं खाना चाहते हैं, तो आधा चम्मच कलौंजी को 1 कप पानी में उबालकर उस पानी का सेवन कर सकते हैं।
मधुमेह में कलौंजी कब और कैसे खाना चाहिए, यह बात काफी मायने रखती है।
मधुमेह में कलौंजी कैसे खाएं, यह ध्यान में रखने के साथ ही कितना खाएं इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है। यदि मधुमेह में कलौंजी को नियमित रूप से निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन करते हैं, तो इससे कुछ नुकसान हो सकते हैं।
शुगर में कलौंजी के फायदे हो सकते हैं। फिर भी इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर से सलाह लेकर किसी भी आहार को लेने से उससे होने वाले नुकसान से बचने में मदद मिल सकती है।
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