रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए। रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट या आरबीएस टेस्ट डायबिटिक, प्री-डायबिटिक और नॉन-डायबिटिक सभी करा सकते हैं। इससे आपको अपना ब्लड शुगर लेवल मॉनिटर करने में मदद मिल सकती है।
इसके द्वारा आप ब्लड शुगर लेवल ट्रैक कर इसके रिस्क और कॉम्प्लीकेशन्स से बच सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आरबीएस टेस्ट करने का तरीका, रैंडम ब्लड शुगर लेवल और इससे जुड़ी सभी विशेष जानकारियां।
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आरबीएस टेस्ट का फुल फॉर्म, रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट होता है। यह आपके ब्लड में मौजूद ग्लूकोज या शुगर की मात्रा को मापने की एक विधि है। यह टेस्ट दिन के किसी भी समय किया जा सकता है और डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के निदान के लिए इसे कराया जाता है। इस टेस्ट को आप घर में या लैब में जाकर करा सकते हैं।
अगर रैंडम ब्लड शुगर (आरबीएस) टेस्ट की वैल्यू थोड़ी बढ़ी हुई आती है, तो इसका मतलब आपका डायबिटीज बॉर्डरलाइन पर है या आप प्री-डायबिटीज कंडीशन में हैं। वहीं, डायबेटिक्स में अगर ब्लड शुगर लेवल काफी कम या बढ़ा हुआ आए, तो उन्हें इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है।
इससे पहले कि आप लेख में आगे बढ़ें, घर में आराम से बैठकर हमारा Phable ऐप डाउनलोड करें, ताकि आपको अपने डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिल सके।
यदि आपको डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं, तो रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट कराने की जरुरत पड़ सकती है। लक्षणों को देखते हुए आपके डॉक्टर भी ये टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। डायबिटीज के लक्षणों की जानकारी यहां दी गई है।
ध्यान दें:
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यहां हम घर और लैब दोनों ही तरीके से रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट करने के तरीके बता रहे हैं। रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट घर में करने के लिए आपके पास एक ग्लूकोमीटर होना चाहिए। यह आज कल हर मेडिकल स्टोर में मिल जाता है। आप ऑनलाइन भी इसे खरीद सकते हैं। Phable के माध्यम से भी आप इसे खरीद सकते हैं।
रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट किसी भी समय ग्लूकोज के लेवल को मापने के लिए किया जा सकता है। डाइग्नोसिस को कन्फर्म करने के लिए, फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट (Fasting Glucose Test) और ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test) की जरूरत पड़ सकती है।
निम्नलिखित कारक आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे आपका रैंडम ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ या कम आ सकता है, जैसे:
निम्नलिखित कारक आपके रैंडम ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं:
यदि आपका रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के बाद ग्लूकोज लेवल नॉर्मल से अधिक या कम है तो डॉक्टर डाइग्नोसिस को कन्फर्म करने के लिए फॉलो-अप टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। ये टेस्ट हैं:
यह ब्लड शुगर लेवल को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट 8 घंटे फ़ास्ट रखने के बाद किया जाता है। डॉक्टर इस टेस्ट को सुबह ब्रेकफास्ट से पहले करने की सलाह दे सकते हैं।
कभी -कभी डायबिटीज होने पर भी फास्टिंग या रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट नॉर्मल रिजल्ट दे सकते हैं। यदि डॉक्टर को डाउट होता है तो वे आपको OGTT टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
इस टेस्ट में आपको 8 घंटे कुछ भी खाना पीना नहीं है और उसके बाद टेस्ट कराना है। पहला ब्लड सैंपल देने के बाद, आपको ग्लूकोज़ युक्त ड्रिंक दी जाएगी। इसके बाद डॉक्टर अगले 2 घंटों में कुछ और सैम्पल्स ले सकते हैं। इसमें आपके हाथ के नस से ब्लड सैंपल लिया जाएगा।
हमे उम्मीद है कि आपको इस लेख द्वारा रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अब आप कभी भी घर में मौजूद ग्लूकोमीटर के जरिये अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर कर सकते हैं। साथ ही एक स्वस्थ रूटीन को अपनाकर अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज कर सकते हैं।
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