जी हाँ, त्रिफला में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो इसे डायबिटीज के लिए उपयोगी औषधि की श्रेणी में रखते हैं। यह ग्लूकोज के एब्सॉर्प्शन (absorption) को धीमा कर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
डायबिटीज में त्रिफला के फायदे एक नहीं, बल्कि कई सारे हैं। तो ये फायदे क्या हैं और मधुमेह के लिए त्रिफला का सेवन कैसे करें कि इसका असर तेजी से हो, ये सारी जानकारियां यहां है। तो ब्लॉग को बीच में न छोड़ें, बल्कि पूरा जरूर पढ़ें।
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भारत आयुर्वेदिक औषधियों से धनी देश है। इन्हीं में त्रिफला का नाम भी शामिल है। त्रिफला एक आयुर्वैदिक फॉर्मूला है, जिसे हजारों वर्षों से गुणकारी औषधि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। त्रिफला का मतलब ही "तीन फल" होता है। दरअसल, त्रिफला तीन फलों से तैयार किया गया मिश्रण है, जो भारत में पाए जाते हैं। ये तीन फल हैं:
इन्हें 1:2:3 की मात्रा में मिलाया जाता है, जैसे - 1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 3 भाग आंवला। त्रिफला को हर्बल रेमेडी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट (antioxidant - फ्री रैडिकल के कारण कोशिकाओं को होने वाली क्षति से बचाव करने वाला), एंटी-डायबिटिक (anti-diabetic - डायबिटीज की स्थिति को कम करने वाला), एंटी-इंफ्लामेटरी (anti-inflammatory - सूजन को कम करने वाला) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial - बैक्टीरिया से बचाव करने वाला) गुण होते हैं।
यह हृदयरोग, हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), मधुमेह, नेत्ररोग, पेट की समस्या, मोटापा, आदि का जोखिम कम कर सकता है। हालांकि, डायबिटीज के लिए यह कैसे फायदेमंद है इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी हम आगे देंगे।
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हाँ, यदि त्रिफला को सही मात्रा में लिया जाए तो यह डायबिटीज के रोगियों के लिए सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है। त्रिफला के द्वारा आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। इसमें हरड़, आंवला और बहेड़ा होते हैं। त्रिफला में मौजूद ये तीनों तत्व एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर हैं। साथ ही त्रिफला ब्लड शुगर लेवल को भी कम कर सकता है, जो कि डायबिटीज की स्थिति को बेहतर करने में सहायक हो सकता है।
यह इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance- इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग न कर पाना या इन्सुलिन के प्रति प्रतिक्रिया न दे पाना) में सुधार कर सकता है, जिससे कोशिकाओं को ब्लड शुगर एब्जॉर्ब करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद बहेड़ा में गैलिक एसिड (gallic acid - एक प्रकार का फाइटोकेमिकल) होता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचाव के लिए सहायक साबित हो सकता है।
यदि आप डायबिटिक हैं तो, आपको पाचन समस्याओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। हाई ब्लड शुगर लेवल गैस्ट्रोपेरिसिस (gastroparesis- पाचन से जुड़ी समस्या) का कारण बन सकता है। इस स्थिति में खाना पचाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। अतः त्रिफला एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपके पाचन तंत्र को अच्छा रखती है। साथ ही यह डायबिटीज में कब्ज की समस्या से राहत दे सकती है।
डायबिटीज के रोगियों में शरीर में दर्द की समस्या बनी रहती है। ऐसे में त्रिफला का सेवन फायदेमंद हो सकता है। त्रिफला में एनलजेसिक (analgesic) यानि दर्द निवारक गुण होता है, जो आपको शरीर के दर्द से राहत पहुंचाने में मदद कर सकता है।
डायबेटिक्स को अपना वजन संतुलित रखना बहुत जरूरी होता है। त्रिफला में आवँला एक मुख्य इंग्रीडिएंट होता है, जिसमे एंटी-ओबेसिटी (anti-obesity) यानि शरीर के फैट या मोटापे को कम करने का गुण होता है। अतः वजन कम करने में, त्रिफला का सेवन आपकी मदद कर सकता है।
डायबिटीज में हाई कोलेस्ट्रॉल और ह्रदय रोग का जोखिम भी बना रहता है। ऐसे में डायबिटीज में त्रिफला के सेवन से इस जोखिम को कम किया जा सकता है। त्रिफला के सेवन से टोटल कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल जिसे एलडीेएल यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटिंस (LDL - Low Density Lipoproteins) भी कहा जाता है। इसका स्तर कम हो सकता है।
साथ ही यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL- High Density Lipoprotein) को बढ़ा सकता है। इस बदलाव का सकारात्मक असर व्यक्ति के ह्रदय स्वास्थ्य पर भी पड़ता है और डायबिटीज में ह्रदय रोग का जोखिम कम हो सकता है।
डायबिटीज में इम्यून पावर कमजोर हो जाती है, जिस कारण डायबेटिक्स को बीमारियों और इन्फेक्शन्स यानी संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। ऐसे में इम्यून पावर को बेहतर करने के लिए त्रिफला का सेवन लाभकारी हो सकता है।
दरअसल, त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और इम्यूनोमॉड्युलेटिंग (immunomodulating - इम्यून पावर मजबूत करने वाला) गुण मौजूद हैं। त्रिफला के ये गुण इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकते हैं।
सुबह त्रिफला लेने से काफी लाभ हो सकता है। यह शरीर में विटामिन्स, आयरन, कैल्शियम, आदि की कमी को पूरा कर सकता है। यहाँ जानते हैं मधुमेह में त्रिफला खाने का सबसे अच्छा समय क्या हो सकता है:
ध्यान रखें:
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नोट: त्रिफला चूर्ण लेने की मात्रा निर्धारित करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अपनी डायबिटीज की दवाइयों को भी नियमित तौर पर लेते रहें। अगर डायबिटीज की दवा और त्रिफला को लेने से जुड़ा कोई संदेह हो, तो बेहतर है इस बारे में आप अपने डॉक्टर से सुझाव लें।
क्या आप जानते हैं?
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तो ये थे डायबिटीज में त्रिफला के फायदे, जिन्हें जानने के बाद आप इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाह रहे होंगे। सिर्फ डायबिटिक ही नहीं, बल्कि प्रीडायबिटीज की स्थिति में भी इसे ले सकते हैं। हालांकि, मधुमेह के लिए त्रिफला के सेवन से पहले आप एक बार डॉक्टर से भी जरूर जानकारी लें।
दरअसल, अन्य दवाइयों के साथ आयुर्वेदिक त्रिफला का कोई बुरा प्रभाव न हो, इसके लिए आप पहले से ही सतर्क रहें। तो एक्सपर्ट्स से जानकारी लें और उन्हीं के सलाह अनुसार इसका सेवन करें।
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