“जल ही जीवन है” यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी। हमारे शरीर का लगभग 50 से 60% भाग पानी से बना है। वहीं, अगर आपको डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्या है, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि क्या पानी मधुमेह में मदद करता है? तो बता दें मधुमेह रोगियों के लिए पानी और भी जरूरी है। पानी कैसे मधुमेह रोगियों की मदद कर सकता है, यहाँ जानिए।
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आपके लिए यह समझना काफी आसान है कि जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो आपके ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज की अधिक मात्रा जमा होने लगती है। इसके कारण आपका ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है।
दरअसल, डायबिटीज में शरीर में इकट्ठा ग्लूकोज़ को पानी या फ्ल्यूड के जरिए शरीर से बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। इससे पानी पीने से ब्लड शुगर लेवल संतुलित रह सकता है।
पानी से शुगर का इलाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन बहुत हद तक ब्लड शुगर लेवल को मैनेज जरूर किया जा सकता है। यदि आप डायबिटिक हैं, तो स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में आपको अधिक पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपका ब्लड शुगर लेवल अधिक है, तो आपकी किडनी पेशाब के द्वारा शरीर से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने का प्रयास करती है। अगर आप अधिक पानी पिएंगे तो अतिरिक्त शुगर को मूत्र के द्वारा बाहर निकलने में मदद मिल सकती है और इससे आप अपने शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।
पॉलीडिप्सिया डायबिटीज के शुरूआती लक्षणों में से एक है। पॉलीडिप्सिया का मतलब होता है बहुत अधिक प्यास लगना। यदि आप पॉलीडिप्सिया का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको हर समय प्यास लग सकती है या आपका मुँह सूख सकता है। अतः डायबिटीज में इस स्थिति से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए।
पॉल्यूरिया भी डायबिटीज के लक्षणों में से एक है। इसमें आपको बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस हो सकती है। इससे डिहाइड्रेशन की स्थति भी उत्पन्न हो सकती है। अतः ज्यादा से ज्यादा पानी पीकर आप डायबिटीज में पॉल्यूरिया से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचावकर सकते हैं।
अधिक पसीना आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर आपका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित है, तो भी आपको अधिक पसीना आ सकता है। इसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। इस स्थिति में जरूरी नहीं है कि आपको टेम्प्रेचर या एक्सरसाइज की वजह से पसीना आये।
ऐसे में डायबिटीज के दौरान इस स्थिति से बचाव के लिए और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए आपको अधिक पानी पीना चाहिए।
जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि डायबिटीज में अधिक पेशाब जाने की जरूरत महसूस हो सकती है। इसके अलावा, मधुमेह में अधिक पसीना आने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में शरीर से अधिक पानी निकल सकता है और आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है। ये कई अन्य परेशानियों का कारण भी बन सकता है जैसे- सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, यूरिन के कलर में बदलाव,आदि।
तो मधुमेह में पानी पीने के फायदे में इन समस्याओं से बचाव भी शामिल है। दरअसल, जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहेंगे तो आप डिहाइड्रेशन की वजह से होने वाले इन समस्याओं से बच सकते हैं।
हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण आपको डाइजेशन की समस्या हो सकती है, जिसमें गैस्ट्रोपेरिसिस (gastroparesis - एक विकार जिसमें पेट में खाना सामान्य समय से ज़्यादा देर के लिए रह जाता है) शामिल है।
इस स्थिति से बचाव के लिए अधिक से अधिक पानी पीना आवश्यक है। यदि आप नियमित रूप से पर्याप्त पानी (प्रतिदिन 6 से 10 ग्लास पानी) पीते हैं, तो आपके डाइजेशन में सुधार हो सकता है।
यूरोपियन फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी (European Food Safety and Authority) के अनुसार महिला और पुरूषों में पानी पीने की मात्रा अलग-अलग दी गई है। हालांकि, ये मात्रा स्वस्थ व्यक्ति के लिए है, लेकिन डायबेटिक्स भी इसी मात्रा को फॉलो कर सकते हैं।
बता दें कि पानी का कोई विकल्प नहीं होता है। हां, यदि आप नॉर्मल वॉटर पर्याप्त मात्रा में नहीं पी पा रहे हैं, तो आप पानी की पूर्ति के लिए अन्य हेल्दी विकल्प चुन सकते हैं।
डायबिटीज में आप गर्म या ठंडा नींबू पानी पी सकते हैं, यह अच्छा पेय है, जो आपको हाइड्रेटेड रखेगा। साथ ही, इसके कुछ अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे - नींबू में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है, जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने और इंफ्लामेशन को कम करने में मदद कर सकता है।
बटर मिल्क का जीआई (GI) यानी ग्लिसेमिक इंडेक्स (glycemic index) कम होता है। ग्लाइसेमिक इन्डेक्स खाने में कार्बोहाइड्रेट की एक रैंकिंग है, जिससे यह पता लगा सकते हैं कि रक्त में ग्लूकोज कितनी तेजी से बढ़ता है। लो जीआई फूड होने का मतलब है कि उससे शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है। ऐसे में छाछ आपके डाइजेशन में सुधार करने के साथ आपको हाइड्रेटेड भी रख सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज में आप बिना शुगर ब्लैक टी, ग्रीन टी, लेमन टी या कॉफी पी सकते हैं। चाय या कॉफ़ी में ऐसे तत्व होते हैं, जो डायबिटीज में चिंता या तनाव की स्थिति से बचाव कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे डायबिटीज में अधिक चाय या कॉफी न पीएं, क्योंकि इससे अनिद्रा की स्थिति पैदा हो सकती है।
यदि आप पानी का विकल्प खोज रहे हैं, तो लो जीआई, हेल्दी इंग्रीडिएंट्स वाली स्मूदी या शेक को लेने का प्रयास कर सकते हैं। इसमें बेरीज स्मूदी, पीच स्मूदी, वेजिटेबल स्मूदी आदि शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे, कि आप घर में बनी ही स्मूदी का सेवन करें और स्मूदी में चीनी का उपयोग करने से बचें। मिठास के लिए आप शुगर फ्री या गुड़ का विकल्प चुन सकते हैं।
खीरा, सिलेरी, मौसमी, आदि को पानी में मिलाकर पानी को पी सकते हैं। इनमें शुगर की मात्रा कम होती है और ये आपके पानी को टेस्टी बना सकते हैं। इसके अलावा, आप अधिक पानी वाले फल व सब्जियां जैसे - टमाटर, स्ट्रॉबेरी, पत्तागोभी, तरबूज, ककड़ी का सेवन कर सकते हैं।
नारियल पानी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। एक गिलास नारियल पानी शरीर को इलेक्ट्रोलाइट, विटामिन, पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फ़ॉस्फ़ोरस, जैसे मिनरल्स प्रदान करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रख सकता है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आप ये जान सके हैं कि मधुमेह रोगियों के लिए पानी कितना जरूरी है। ध्यान रहे पानी से शुगर का इलाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी कम जरूर किया जा सकता है।
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